Kushinagar News: बिना सत्यापन किराए पर कमरा देने वालों पर पुलिस की सख्ती, पढ़े पूरी खबर!

Kushinagar News: कुशीनगर जिले के तमकुहीराज कस्बे में पुलिस ने बिना सत्यापन किराए पर कमरा देने वाले मकान मालिकों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। हाल ही में एक विशेष अभियान के तहत पुलिस ने 31 संदिग्ध फेरी वालों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। यह कार्रवाई स्थानीय लोगों की शिकायतों और देश में अवैध प्रवासियों के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत की गई। हिरासत में लिए गए लोगों में से 29 पश्चिम बंगाल के मालदा जिले और दो उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के निवासी पाए गए। पुलिस ने सभी के खिलाफ शांतिभंग के आरोप में चालान कर दिया। इसके साथ ही, बिना सत्यापन किराए पर कमरा देने वाले दो दर्जन मकान मालिकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया गया है।
अभियान का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
तमकुहीराज कस्बे के विभिन्न वार्डों में पश्चिम बंगाल, कोलकाता और अन्य स्थानों के लोग किराए पर कमरे लेकर रहते हैं। ये लोग मुख्य रूप से फेरी लगाकर सामान बेचने का काम करते हैं। हाल ही में कुछ स्थानीय लोगों ने इनमें से कुछ व्यक्तियों को संदिग्ध बताते हुए शिकायत दर्ज की थी। इसके अलावा, पहलगाम में हुई एक घटना के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियां अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों के खिलाफ सतर्क हो गई हैं। इस पृष्ठभूमि में तमकुहीराज पुलिस ने मंगलवार को बिना किसी पूर्व सूचना के कस्बे में रह रहे 31 फेरी वालों को हिरासत में लिया।
पुलिस ने हिरासत में लिए गए लोगों के आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्रों का सत्यापन किया। स्थानीय लोगों का दावा था कि इनमें से कुछ बांग्लादेशी या रोहिंग्या हो सकते हैं। हालांकि, प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि 29 लोग पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के निवासी हैं, जबकि दो मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। जांच में किसी भी व्यक्ति के अवैध प्रवासी होने का कोई ठोस सबूत नहीं मिला, लेकिन बिना सत्यापन के किराए पर रहने के कारण सभी के खिलाफ शांतिभंग के आरोप में कार्रवाई की गई।

मकान मालिकों पर नकेल

पुलिस ने इस मामले में मकान मालिकों की भूमिका को भी गंभीरता से लिया। जांच में पाया गया कि कई मकान मालिकों ने बिना आधार कार्ड या पहचान पत्र की जांच किए किराएदारों को कमरे उपलब्ध कराए। इस लापरवाही को देखते हुए पुलिस ने दो दर्जन मकान मालिकों को नोटिस जारी किया और उनसे जवाब मांगा है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि भविष्य में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मकान मालिकों को निर्देश दिया गया है कि वे किराएदारों के आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों की जांच करें और विशेष रूप से अन्य राज्यों से आए लोगों की जानकारी पुलिस को अनिवार्य रूप से दें।

पुलिस और एलआईयू की सक्रियता

इस अभियान में स्थानीय पुलिस के साथ-साथ लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एलआईयू ने संदिग्धों के दस्तावेजों की गहन जांच की और उनके पृष्ठभूमि की जानकारी जुटाई। इस जांच में पाया गया कि हिरासत में लिए गए सभी लोग वैध पहचान पत्र धारक हैं, लेकिन उनके किराए पर रहने की प्रक्रिया में अनियमितताएं थीं। पुलिस ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी 31 लोगों का चालान कर दिया।
कुशीनगर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संतोष कुमार मिश्रा ने इस मामले पर सख्त रवैया अपनाते हुए कहा, “बिना सूचना के जनपद में रहने वालों की जांच की जाएगी। यदि कोई व्यक्ति बिना सत्यापन के रहता पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मकान मालिकों को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि वे किराएदारों के दस्तावेजों की पूरी जांच करें और बाहरी लोगों की जानकारी पुलिस को दें।”

सामाजिक और सुरक्षा पहलू

यह कार्रवाई न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और सुरक्षा के लिहाज से भी अहम है। तमकुहीराज जैसे छोटे कस्बों में बाहरी लोगों का आना-जाना आम बात है, लेकिन बिना सत्यापन के किराए पर रहने की प्रथा सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार फेरी वालों की गतिविधियां संदिग्ध लगती हैं, जिसके कारण समुदाय में असुरक्षा की भावना पैदा होती है।
पुलिस की इस कार्रवाई से मकान मालिकों में भी जागरूकता बढ़ी है। कई मकान मालिकों ने स्वीकार किया कि उन्होंने किराएदारों के दस्तावेजों की जांच में लापरवाही बरती। अब वे भविष्य में सावधानी बरतने का वादा कर रहे हैं।

भविष्य की रणनीति

एसपी संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि पुलिस अब नियमित रूप से ऐसे अभियान चलाएगी। बाहरी लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष टीमें गठित की जाएंगी। इसके अलावा, मकान मालिकों के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, ताकि वे किराएदारों के सत्यापन की प्रक्रिया को समझ सकें। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में कोई मकान मालिक बिना सत्यापन के किराएदार रखता पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
तमकुहीराज में पुलिस की इस कार्रवाई ने एक स्पष्ट संदेश दिया है कि सुरक्षा और कानून व्यवस्था के साथ कोई समझौता नहीं होगा। बिना सत्यापन के किराए पर रहने वालों और मकान मालिकों की लापरवाही को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह अभियान न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे जनपद में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मकान मालिकों और किराएदारों को अब यह समझना होगा कि दस्तावेजों का सत्यापन न केवल कानूनी आवश्यकता है, बल्कि यह सामुदायिक सुरक्षा के लिए भी जरूरी है।
पुलिस की इस पहल से तमकुहीराज में रहने वाले लोगों में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। साथ ही, यह अन्य कस्बों और शहरों के लिए भी एक उदाहरण है कि कैसे सतर्कता और सक्रियता से संदिग्ध गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकता है। भविष्य में ऐसी कार्रवाइयां और सख्त हो सकती हैं, जिससे अवैध प्रवास और अनियमित किराएदारी पर पूरी तरह रोक लग सके।

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